पारद शिवलिंग online for Dummies
पारद शिवलिंग online for Dummies
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वैसे तो नर्मदेश्वर शिवलिगं श्रेणी के शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठा की जरूरी नहीं होती है और पारद शिवलिंग भी अपने आप में एक पवित्र लिंगम है पर फिर भी शिवलिंग को घर में स्थापित करने से पहले उसकी भली प्रकार पूजा अर्चना किया जाना बहुत आवश्यक है। आइये जानते है किसी भी पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा
प्रातः काल उठकर स्नान ध्यान के बाद किसी बड़े पात्र में नर्मदेश्वर शिवलिंग को रखें और इसके ऊपर बेलपत्र और जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें।
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अच्छे अवसर हाथ से क्यों निकल जाते हैं?: एक आलसी शिष्य को उसके गुरु ने पारस पत्थर दिया और कहा कि दो दिन में जितना चाहे, उतना सोना बना लो, तुम्हारा जीवन सुधर जाएगा
स्फटिक शिवलिंग घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है।
योग शिखोपनिषद ग्रन्थ में पारद के शिवलिंग को स्वयंभू भोलेनाथ का प्रतिनिधि माना गया है। इस ग्रन्थ में इसे महालिंग की उपाधि मिली है और इसमें शिव की समस्त शक्तियों का वास मानते हुए पारद से बने शिवलिंग को सम्पूर्ण शिवालय की भी मान्यता मिली है
पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का get more info भय समाप्त हो जाता है।
हमने आपको पहले ही बताया था शिवलिंग की स्थापना विधि किसी जानकार के पास ही कराये या अपना कोई गुरु हे तो उसके पास कराये, शिवलिंग की पूजा करने से आपको अनगिनत फायदे होंगे घर से कलेश दूर हो जायेगा,घर के सदस्य सब प्रेम भाव से रहने लगेंगे,घर में आनेवाली बाधा ख़त्म हो जाएगी,अकाल मृत्यु से बचा जा सकता हे.
जो भी जातक इस शिवलिंग की पूजा करता है उसके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। साथ ही उसे मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
माझ्या मते तुम्ही जर ह्या महिन्यात स्थापन केलेत किंवा जुने कोणतेही घरात असलेले शिवलिंग बदलून पारद शिवलिंग ठेवलेत तर एखादा मोठा विधी करण्याची गरज नाही.
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जहरीला होने के कारण पारे को अष्ट संस्कार करके ही शिवलिंग निर्माण किया जाता है